सार्वजनिक वितरण प्रणाली
        
        अवलोकन
        
        
        
            सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्नों के मूल्यों में वृद्धि को नियंत्रित
            करने और उपभोक्ताओं के लिए खाद्यान्नों की पहुंच सुनिश्चित करने में पर्याप्त रूप से
            योगदान दिया है। देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बाद वर्ष 1997 में लक्षित सार्वजनिक
            वितरण प्रणाली प्रारंभ की गई थी।
        
        
        
        सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रमुख रूप से निम्न उद्धेश्य हैं-
        
             
        
        
            
                - आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्यों को स्थिर रखना।
- कुछ मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम
                    से समाज के कमजोर वर्गों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना। 
             
        
        
            लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत राज्य में गेहॅूं, चावल, चीनी एवं केरोसीन
            तेल उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से वितरित किये जाते हैं। उक्त वस्तुयें निर्धारित
            मात्रा में निश्चित मूल्य लेकर उपभोक्ताओं को राशन कार्ड के आधार पर दी जाती हैं। भारत
            सरकार से खाद्यान्न आवंटित किए जाने के आदेशो के पश्चात राज्य के जिलों हेतु खाद्यान्न
            नियत अवधि में उठाव व्यवस्था के साथ उप आवंटन जारी किया जाता है। जिलों में जिला कलक्टर्स
            द्वारा तहसील/पंचायत समिति अनुसार किये गये आवंटन के आधार पर संबंधित थोक विक्रेता
            के माध्यम से आवंटित वस्तुएं उचित मूल्य दुकान तक पहुंचाई जाती है। राज्य में वर्तमान
            (दिसम्बर, 2011) में कुल 176 थोक विक्रेता है।
        
        
             
        
        
            आवश्यक वस्तुओं के वितरण के लिए राज्य में कुल 25542 उचित मूल्य की दूकाने स्थापित
            है, जिनमे से 5736 शहरी क्षेत्र में एवं 19806 दुकाने ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत
            है। विभाग के आदेश 15.11.2002 द्वारा भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विशेष
            भौगोलिक परिस्थितियों में 2000 ईकाइयों पर भी उचित मूल्य की दुकान खोली जा सकती है।
            जिलेवार उचित मूल्य दुकानों की सूची पोर्टल के होम पेज पर अंकित हैं।
        
        
             
        
        
            लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं को खाद्यान्नों की पहुच सुनिश्चित करने
            हेतु राज्य में राशन टिकिट व्यवस्था लागू की गई है ताकि खाद्य सामग्री की लाभार्थी
            तक पहुंच सुनिश्चित हो सके।